कर्ज में डूबे राज्य में दायित्वधारी बढ़ा रहे आर्थिक बोझ

कर्ज में डूबे राज्य में दायित्वधारी बढ़ा रहे आर्थिक बोझ
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एक दायित्वधारी पर आठ उपनल कर्मचारियों के बराबर खर्चः धस्माना

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। कर्ज में डूबे उत्तराखंड राज्य में दायित्वधारी और आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। प्रत्येक दायित्धारी पर हर माह आठ उपनल कर्मियों के वेतन के बराबर खर्च हो रहा है।

ये कहना है कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का। बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धस्माना ने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों निगमों में नियुक्त किये गए दायित्वधारियों के मान देयों, टैक्सी किराया, आवास व कार्यालय भत्तों व अन्य मदों में की गई बेतहाशा वृद्धि को अनावश्यक व कर्ज में डूबे प्रदेश की जनता के साथ घोर अन्याय करार दिया।

कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की गाड़ी पहले से ही पटरी से उतरी हुई है और राज्य पर अस्सी हजार करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज़ चढ़ा हुआ है और उस पर नया तुर्रा यह कि भाजपा के कार्यकर्ता जिनको दायित्वधारी के रूप में सरकारी कुर्सियों में बैठाया गया है उनपर सरकार बेवजह अंधाधुंध खर्च कर प्रदेश पर और आर्थिक बोझ बढ़ाने का पाप कर रही है।

कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक के ऊपर 65 हज़ार रुपये का कर्जा है और प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार प्रदेश की वित्तीय हालात को सुधारने का कोई ठोस प्रयास कर नहीं रही जिससे कर्ज़ पर निर्भरता लगातार बढ़ रही है और आयोजनागत खर्चा लगातार बढ़ रहा है और विकास के लिए पैसा बच नहीं रहा ऐसे में दायित्वधारियों पर सरकार की मेहरबानी समझ से परे है।

कहा कि दायित्वधारी को 45 हज़ार मान देय 80 हज़ार रुपये प्रति माह टैक्सी, 25 हज़ार रुपये आवासीय भत्ता व 15 हज़ार रुपये एक व्यैक्तिक सहायक व 12 हज़ार रुपये चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी यानी राज्य को एक दायित्वधारी एक लाख बहत्तर हज़ार रुपये का पड़ेगा जो आठ उपनल कर्मचारियों के वेतन के बराबर है।

कांग्रेस नेता धस्माना कहा कि धामी सरकार मितव्ययता के सिद्धांत के खिलाफ काम कर रही है जो राज्य के अहित में है इसलिए सरकार को इस निर्णय को तुरंत वापस लेकर दायित्वधारीयों को पूर्व में दी जा रही सुविधाओं को ही जारी रखना चाहिए।

Tirth Chetna

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