पौड़ी। प्रमोशन के लिए जरूरी सेवा से तीन-तीन गुना अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद प्रदेश के शिक्षकों को तदर्थ प्रमोशन ही मिल पा रहा है। इसे भी सरकार उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रही है।
प्रमोशन में शिथिलता की व्यवस्था समाप्त करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार अब मानक पूरे होने पर प्रमोशन के नाम पर कार्मिकों के साथ मजाक कर रही है। कम से कम एलटी शिक्षकों के मामले में तो ऐसा ही कुछ हो रहा है।
करीब एक वर्ष से विभाग एलटी के करीब डेढ़ हजार शिक्षकों के प्रमोशन पर होमवर्क कर रहा है। अब ये बात सामने आ रही है कि उक्त शिक्षकों को तदर्थ प्रमोशन मिलेगा। मंत्री अरविंद पांडे फाइल को हरी झंडी दे चुके हैं।
सूची में जिन शिक्षकों के नाम हैं उनके से अधिकांश 20-20 साल की सेवा पूरी कर चुकी हैं। 20 साल की सेवा के बाद तदर्थ प्रमोशन किसी मजाक से कम नहीं है। सरकार इसके पीछे आयोग के स्तर से होने वाली डीपीसी का बहाना बना रही है।
जबकि सचाई ये है कि आयोग विभाग के स्तर से प्रस्तुत फ्लाई शीट को ही ओके करता है। इसके अलावा इसमें कोई खास औपचारिकताएं नहीं होती हैं।
बहरहाल, दो दशक की सेवा के बाद तदर्थ प्रमोशन को सरकार और शिक्षक संघ उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं।