देवप्रयाग। आदिधाम श्री बदरीनाथ के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तमाम आशंका युक्त ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में मास्टर प्लान पर तमाम आपत्तियों के साथ ही सवाल भी खडे किए गए है।
देवप्रयाग में तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा गया। इसमें श्री बदरीनाथ विनयमित क्षेत्र पुनरक्षित महायोजना-2027 (मास्टर प्लान) को लेकर तमाम सवाल खड़े किए गए हैं। ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य सरकार ने योजना को धरातल पर उतारने की तैयारियां शुरू कर दी हैं और जन सुनवाई नहीं की।
इससे पंडे, गुमास्ते, दुकानदार समेत तमाम छोटा-बड़ा काम करने वाले न केवल घर से बेदखल होंगे बल्कि उनके रोजगार पर भी संकट आएगा। उक्त लोगों का क्या होगा इस पर सरकार ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। अधिसूचना में स्पष्ट नहीं है कि जिनकी भूमि, भवन का अधिग्रहण होगा उन्हें कहां और कैसे विस्थापित किया जाएगा।
यही नहीं प्रतिकर को लेकर भी कुछ स्पष्ट नहीं है। ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि आधुनिकता के नाम पर हो रहे इस पूरे खेल से धाम की मौलिकता प्रभावित होने की आशंका है। ज्ञापन में इसे पर्यावरण विरोधी योजना बताते हुए इसे तत्काल निरस्त करने की मांग की है। साथ ही राज्य के अन्य धामों के लिए आ रहे ऐसे विचारों को त्यागने की मांग सरकार से की गई है।
इस मौके पर चारधाम तीर्थ पुरोहित एवं हक हकूकधारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल, डा. गिरधर पांडित, मिहिर सवासेरी, सुधीर ध्यानी आदि मौजूद थे।
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