लंबित मांगों को लेकर सरकार से नाराज चल रहे शिक्षकों की अब मुख्यमंत्री खुद सुनेंगे। इसके लिए आठ अगस्त को शिक्षक संगठन को वार्ता के लिए न्योता मिला है।
उत्तराखंड में इन दिनों ऐसा माहौल बना है कि जैसे सरकार शिक्षकों से खफा हो। इसकी तमाम वजह हैं। मीडिया में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और विभाग के आलाधिकारियों के बयान से स्थिति और बिगड़ गई। परिणाम शिक्षक संगठनों और विभाग के बीच विभिन्न मुददों पर गतिरोध पैदा हो गया।
इस बात को प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ताड़ गए। ऐसे में उन्होंने स्वयं मामले को हैंडिल करने का निर्णय लिया है। गरज ये है कि शिक्षकों की नाराजगी को दूर कर 2018 और 19 तक किसी तरह से उन्हें फील गुड कराया जा सकें।
बहरहाल, इसके लिए आठ अगस्त को मुख्यमंत्री रावत राजकीय शिक्षक संघ, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर संघ के पदाधिकारियों को वार्ता के लिए सचिवाल स्थित कार्यालय में बुलाया है।
माना जा रहा है कि इस वार्ता में सीएम शिक्षकों की भी सुनेंगे और सरकार की शिक्षकों से शिकायत पर भी बोलेंगे। ड्रेस कोड का मुददा भी बैठक में उठ सकता है। हालांकि इस बैठक को लेकर ऑफ द रिकार्ड पालिटिक्स भी होने लगी है।