देहरादून। राज्य के वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उनकी अध्यक्षता वाले सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के तीन साल के हिसाब-किताब का स्पेशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले डा. हरक सिंह रावत को उत्तराखंड संनिर्माण कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से चलता किया। इस झटके से डा. रावत अभी ढंग से उभरे भी नहीं थे कि नवगठित बोर्ड ने तीन साल के कामकाज और हिसाब-किताब को रडार पर ले लिया है।
बोर्ड की पहली है बैठक में हिसाब-किताब का स्पेशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि 2017 से ऑडिट ही नहीं कराया गया है। यही नहीं कई बातें भी सामने आ रही हैं जो घालमेल की तरफ इशारा कर रही हैं।
ये घालमेल किसने किया और किसके इशारे पर हुआ इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि जांच हुई तो कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। या आने वाले दिनों में वो दबाव में रहेंगे।