देहरादून। कॉपरेटिव के विभिन्न अवयवों और खासकर बैंकिंग क्षेत्र में हुई तमाम अनियमिततओं की आंच बड़े-बड़ों तक पहुंच सकती है। इसको लेकर पब्लिक डोमेन में अब बहुत कुछ बातें पहुंच चुकी है। ये बात अलग है कि प्रचंड बहुमत की सरकार इस पर गौर करती नहीं दिख रही है।
उत्तराखंड में सरकार के नियंत्रण वाला कॉपरेटिव क्षेत्र बेहतर परफार्म नहीं कर सका। लोगों को अपेक्षित लाभ दूर की बात है। अब तो कॉपरेटिव को लोग भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा अडडा बताने लगे हैं।
कॉपरेटिव का बैंकिंग सेक्टर को लेकर तमाम शिकायतें पिछले दो-तीन सालों में सामने आई हैं। अधिकांश शिकायत अनियमितताओं से संबंधित है। इन शिकायतों पर सरकार की चुप्पी हैरान करती है।
बैंकों में नौकरी से लेकर तमाम अन्य बातें इन दिनों खूब चर्चा में हैं। मामले में गंभीर आरोप लग रहे हैं। जितने मुंह उतनी बातें भी खूब हो रही हैं। अनियमितताओं की आंच बड़े-बड़ों तक पहुंच रही है। आरोप लग रहे हैं कि जिम्मेदारों ने अनियमितताओं का प्रश्रय दिया।
हो हल्ला हुआ तो चुप्पी साध ली। लोगों की नाराजगी कम करने के लिए जांच की बात कहीं जा रही है।