ऋषिकेश। कोरोना को लेकर युवा वर्ग की लापरवाही बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर भारी पड़ रही है। इस जोखिम को शून्य करने के लिए युवाओं से अतिरिक्त सतर्कता की अपेक्षा है।
देश के अधिकांश हिस्सों में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से बढ़ने लगा है। उत्तराखंड राज्य में भी ऐसा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले त्योहारों में बरती गई लापरवाही का परिणाम है। विशेषज्ञ इसकी आशंका पहले ही व्यक्त कर चुके थे।
अब त्योहरों से ज्यादा लापरवाही शाही-विवाह में दिख रही है। युवा और स्वस्थ लोग कोरोना संक्रमण से बचने के सरकार द्वारा सुझाए गए उपायों की अनदेखी कर रहे हैं। शादी-विवाह में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कतई नहीं हो रहा है। इसने चिंता बढ़ा दी हैं।
यदि इसका परिणाम भी त्योहारों की तरह आया तो देश के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। फिलहाल स्थिति ये है कि शादी-विवाह की धूमा चौकड़ी की वजह से घर से बाहर न निकलने वाले बुजुर्गो, बच्चों और बीमार लोगों का भी जोखिम बढ़ गया है। पूरे देश में इस प्रकार तस्वीर उभर रही है। मौत के मामले बढ़ रहे हैं।
ऐसे में युवाओं और कामकाज के लिए बाहर जाने वाले लोगों से अतिरिक्त सतर्कता की अपेक्षा है। ताकि उनके मूवमेंटघर के बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों पर भारी न पड़े।