देवप्रयाग। प्रख्यात साहित्यकार स्व. मोहन लाल बाबुलकार स्मृति कवि सम्मेलन में राज्य के काव्य हस्ताक्षरों ने व्यवस्था पर जमकर तंज कसे।
नगर पालिका अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल की पहल पर आयोजित प्रख्यात साहित्यकार स्व. मोहन लाल बाबुलकर स्मृति कवि सम्मेलन का पूर्व सांसद मनोहर कांत ध्यानी ने बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्व. मोहन लाल बाबुलकर ने गढ़वाली साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।
उन्होंने उनके कार्यों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। समाज के युवाओं को इसके लिए आगे आना चाहिए। ताकि स्व. बाबुलकर की साहित्या साधना का लाभ समाज तक पहुंच सके। उन्होंने नगर पालिका के अध्यक्ष कोटियाल द्वारा इस दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की।
इस मौके पालिकाध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने कहा कि स्व. बाबुलकर के साहित्य सृजन प्रेरणा देता है। समाज की बेहतरी के लिए उनका दर्शन अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि समाज के ऐसी सभी विभूतियों के कार्यों को सामने लाया जाएगा। ताकि युवा पीढ़ी इससे प्रेरित हो सके। उन्होेंने प्रख्यात लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी को पदमश्री देने की जोरदार वकालत की।
उदघाटन के बाद प्रख्यात कवियों ने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से खूब समा बांधा। कवि जयकृष्ण पैन्यूली कितना आराम है सियासत के खून में नींद पहाड़ की लो और बिस्तर रखो दून में। गणेश कुकशाल गणी ने गढ़वाली कविता छुईं छुइ्र्रं मा मेरी मौ घाम लगी। प्रख्यात लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने रेती की पाटी में मनसा लेखी की क्या पाई रे तीन।
अनुसुया प्रसाद भटट अनुज ने प्रकृति के संरक्षण और धार्मिक आडंबर पर कटाक्ष किया। राधा मैंदोली ने राजनीति के मौजूदा मिजाज पर तंज कसे। देवेंद्र उनियाल तेजी से छीजती आदर्श पर्यावरण पर कविता के माध्यम से चिंता व्यक्त की। इसके अलावा नीरज नैथानी,मुरली दीवान ने भी कविता प्रस्तुत की लोगों की वाहवाही लूटी।
इस मौके पर पालिकाध्यक्ष ने कोटियाल ने मुख्य अतिथि ध्यानी, बाबुलकर के परिजनों और कवियों को समृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर कृष्णानंद मैठाणी, एडवोकेट रमा बल्लभ भटट, गिरधर पंडित, प्रकाश बाबुलकर प्रभाकर, विभाकर बाबुलकर, प्रभाकर बाबुलकर, डा. शैलेंद्र नारायण कोटियाल, सुरेश कोटियाल, सभासद कमला डंगवाल, अरूण मिश्रा, संगीता ध्यानी, रूपेश गुसाईं, पूर्व सभासद विकास ध्यानी, राहुल कोटियाल जयप्रकाश पंत आदि मौजूद थे।