श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग में परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत डॉ.सर्वेश उनियाल की हैंड बुक “प्रकृति पथ गंगा पथ“ को “राहुल सांकृत्यायन पर्यटन पुरस्कार 2017-18“ के लिए पुरस्कृत किया गया है।
भारत सरकार में पर्यटन मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार ज्ञान भूषण द्वारा भेजे पत्र में इसकी पुष्टि की गई है। इस पुरस्कार के साथ ही पर्यटन मंत्रालय द्वारा नकद धनराशि भी डॉ सर्वेश उनियाल को प्रदान की जाएगी।
डॉ सर्वेश उनियाल को इससे पूर्व भी कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके है। उनकी उपहार गाइड बुक को पर्यटन का राष्ट्रीय पुरस्कार और “देखो अपना देश“ के अन्तर्गत उनके ब्लॉग को भी पर्यटन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। डॉ. उनियाल को पर्यावरण कार्यों के लिए मैती सम्मान भी मिल चुका है।
प्रकृति पथ गंगा पथ“ पुस्तक में हरिद्वार से गौमुख तक की यात्रा को चित्रों के माध्यम से गंगा के रास्ते को दिखाने का प्रयास किया गया है। उनियाल की इस उपलब्धि से गढ़वाल विश्वविद्यालय में उत्साह का माहौल है।
इस अवसर पर मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’, गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नोटियाल, कुलसचिव प्रो. एनएस पंवार, वित्त अधिकारी एके.मोहंती, पर्यटन विभाग के , प्रो. एससी बागड़ी प्रो एस के गुप्ता राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एम.एम. सेमवाल ने बधाई दी।
विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों ने उनियाल की इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। डॉ. सर्वेश उनियाल स्पर्श गंगा अभियान के संस्थापक सदस्य और उत्तराखंड सरकार के“ स्पर्श गंगा “बोर्ड के बोर्ड मेंबर रहे। डॉ० उनियाल गढ़वाल विश्वविद्यालय में “नमामि गंगे अभियान ’“हेतु गठित प्रकोष्ठ के सदस्य और वर्तमान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत“ एक भारत श्रेष्ठ भारत “कार्यक्रम से संबद्ध व स्वच्छ पर्यटन के लिए“ सैर सलीका “अभियान के संयोजक भी है।