देहरादून। प्रदेश के करीब तीन दर्जन सरकारी हॉस्पिटल मुख्यमंत्री की नजरों में होंगे। इसके लिए उक्त हॉस्पिटल को मुख्यमंत्री के मोबाइल पर लिंक किया जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य सात महीनों से बगैर स्वास्थ्य मंत्री के चल रहा है। मुख्यमंत्री दर्जनों मंत्रालय के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभाल रहे हैं। इसके बावजूद सरकार के लिए मेडिकल कॉलेज चलाना मुश्किल हो रहा है।
मेडिकल कालेज संचालन के लिए राज्य सरकार सेना से गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश के हॉस्पिटलों में 70 प्रतिशत से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। हाल फिलहाल इस कमी के दूर होने की सूरत भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है।
यही हाल पैरामेडिकल स्टॉफ और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी है। कहा जा सकता है कि हॉस्पिटल खाली हैं। पर्वतीय क्षेत्रों का तो और बुरा हाल है। अब ऐसे खाली हॉस्पिटलों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 24 घंटे नजर रखेंगे। इसके लिए उक्त सभी हॉस्पिटल को मुख्यमंत्री के मोबाइल से लिंक किया जा रहा है।
हॉस्पिटलों को सीसी कैमरे समेत अन्य सुविधाएं जुटाकर हाईटेक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर डॉक्टरों की कमी और संसाधनों के अभाव वाले हॉस्पिटलों की सीएम क्या मॉनिटरिंग करेंगे। इससे गरीब लोगों का क्या लाभ होगा।