उत्तरकाशी। कोरोना को लेकर किसी भी स्तर पर ढिलाई ठीक नहीं है। इसको लेकर दिख रही लापरवाही महंगी पड़ सकती है। इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा।
ये कहना है राम चन्द्र उनियाल गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी की प्रिंसिपल प्रो. सविता गौरोला का। प्रोफेसर गैरोला कॉलेज में शासन के निर्देशानुसार कोविड- 19 के प्रति जागरूकता“ शीर्षक पर एक एकदिवसीय कार्यशाला में बोल रही थी। उन्होंने छात्रों का आहवान किया कि कोरोना के संबंध में सुझाये गए सभी मानकों का अनुपालन करें।
साथ ही लोगों को भी इस बारे में जागरूक करने पर उन्होंने जोर दिया। ताकि समाज में सुरक्षा का माहौल बन सकें। इस अवसर पर विभिन्न प्राध्यापकों ने कोविड-19 के अलग-2 आयामों पर पर प्रकाश डाला।
डॉ. डीपी पैन्यूली ने इसमें योग की महत्ता के साथ इसके सामाजिक प्रभावों, डॉ. दिवाकर बौद्ध ने कोरोना के कारण होने वाले विश्वव्यापी आर्थिक प्रभावों, डॉ. आकाश मिश्र ने इससे जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों, डॉ. कमल बिष्ट ने इस प्रकार के विश्वव्यापी रोगों के पर्यावरणीय प्रभावों, डॉ. तिलक राम प्रजापति ने प्रशासन स्तर पर किये जा रहे बचाव प्रयासों और डॉ. महेंद्र परमार ने कोरोना के लिए विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों पर अपनी बात रखी।
कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. वसंतिका कश्यप ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रिचा बधानी ने किया। इस अवसर पर कॉलेज के विभिन्न प्राध्यापक डॉ. उषा नेगी, डॉ. नंदी गड़िया, डॉ. महीधर तिवारी, डॉ. विश्वनाथ राणा, डॉ. जयलक्ष्मी, डॉ. दीपिका, डॉ अनामिका, डॉ अरविंद, डॉ कैलाश, डॉ. विनोद, डॉ गणेश एवं महाविद्यालय के विभिन्न शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।