देहरादून/हल्द्वानी बना उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों की लुकण गली

देहरादून/हल्द्वानी बना उच्च शिक्षा के प्राध्यापकों की लुकण गली
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डेप्यूटेशन/अटैचमेंट से चल रहा खेल

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। उच्च शिक्षा के कुछ प्राध्यापकों के लिए देहरादून और हल्द्वानी लुकण गली बन गई है। प्राध्यापक कॉलेज/यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के बजाए डेप्यूटेशन/अटैचमेंट से उक्त दो शहरों में जमे हुए हैं।

उच्च शिक्षा के तमाम प्राध्यापक कॉलेजों में छात्र/छात्राओं को पढ़ाने के बजाए देहरादून और हल्द्वानी में विभिन्न विभागों में बाबू का काम कर रहे हैं। इस काम में वो इतने रम चुके हैं कि कोई चॉक उठाना भूल गया तो कोई समय से पहुंचना। कुछ प्राध्यापक डेप्यूटेशन तो कुछ अटैचमेंट से ऐसे काम में लगे हुए हैं।

कुल मिलाकर उक्त प्राध्यापकों के लिए देहरादून और हल्द्वानी लुकण गली बन गए हैं। लुकण गली यानि ऐसी गली जहां उन्हें वो छात्र/छात्राएं न देख सकें जिनको पढ़ाने के लिए वो नियुक्त हुए हैं। सरकारी डिग्री/पीजी कॉलेज के साथ ही यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक भी इसमें शामिल हैं। खास बात ये है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को भी स्टेट गवर्नमेंट ने तमाम कार्यों के लिए डेप्यूट किया है।

देहरादून/हल्द्वानी का ऐसा लोभ कि समय पूरा होने के बाद कोई डेप्यूटेशन बढ़ाने का जोर लगा रहा है तो कोई अटैचमेंट को जारी रखने के लिए यहां-वहां चक्कर काटते दिख रहा है। कई सालों से कॉलेज/यूनिवर्सिटी से गोल कुछ प्राध्यापक तो वीसी बनने के लिए भी जोर लगा रहे हैं।

उच्च शिक्षा निदेशक डा. संदीप शर्मा का कहना है कि गवर्नमेंट डिग्री और पीजी कॉलेज के कुछ प्राध्यापक विभाग के ही कार्यालयों में जरूरी कार्य के लिए अटैच हैं। अन्य विभागों में नहीं।

Tirth Chetna

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