ऋषिकेश। जानकी सेतु के पूरी तरह से आकार लेते ही लोगों की मुराद पूरी हो गई है। 31 जुलाई तक इसके सत प्रतिशत कार्य पूरे हो जाएंगे।
रामझूला और लक्ष्मणझूला पर बढ़ते दबाव को देखते हुए वर्ष 2006 में क्षेत्रीय विधायक सुबोध उनियाल ने शासन से गंगा पर कैलाशगेट-वेद निकेतन के बीच झूला पुल स्वीकृत कराया था। पुल पर 2012 के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने धरातलीय कार्य शुरू कराए।
इसके बाद पुल को लेकर तमाम राजनीतिक उलझनें आई। इन सब उलझनों को क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने एक-एक कर दूर कराया। अब आखिरकार जानकी सेतु ने पूरी तरह से आकार ले लिया है। यानि पुल से संबंधित क्षेत्र के लोगों की मुराद पूरी हो गई है।
31 जुलाई तक पुल से संबंधित सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। 15 जुलाई तक साइड नेट लगने का कार्य भी पूरा हो जाएगा। इसके हालांकि पुल को आवाजाही के लिए कब खोला जाएगा अभी ये तय नहीं हो सका है।
गंगा के चौड़े तट पर जानकी सेतु का दृश्य हर किसी का ध्यान आकृषित कर रहा है। निर्माण के पहले दिन से इसे देख रहे स्थानीय लोगों में उत्साह देखा जा रहा है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता एमए खान ने बताया कि जानकी सेतु ने पूरी तरह से आकार ले लिया है। 15 जुलाई तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
इस बारे में शासन को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुल पर आवाजाही कब शुरू होगी इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है।