जयपुर। गुलाबी नगरी में दो दिवसीय वैदिक ज्योतिष मंथन सम्मेलन शुरू हो गया। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा नेपाल, श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों से आए ज्योतिषविद शिरकत कर रहे हैं।
श्री वेद ज्योतिष विज्ञान कला, संस्कृति जनकल्याण एवं अनुसंधान संस्था एवं श्री नरवर आश्रम सेवा समिति, खोले के हनुमान जी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार से दो दिवसीय वैदिक ज्योतिष मंथन सम्मेलन शुरू हो गया।
जयपुर के पूर्व सांसद अंजन कुमार गोस्वामी समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर ज्योतिष मंथन सम्मेलन का शुभारंभ किया। शुभारंभ के मौके पर बतौर विशिष्ठ अतिथि उत्तराखंड के ज्योतिषविद डा. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि ज्योतिष को शक के बजाए शोध का विषय बनाया जाए।
डा. घिल्डियाल ने मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर असाध्य रोगों के निराकरण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इसमें शोध की जरूरत है। ताकि तथ्यपरक बातों को प्रमोशन मिल सकें। उदघाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय ज्योतिष महासंघ के अध्यक्ष पंडित एके दुबे पदमेश ने की और संचालन पंडित दिलीप अवस्थी ने किया।
इससे पूर्व आयोजकों ने डा. घिल्डियाल समेत तमाम ज्योतिषविदों का जयपुर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर अनुराधा अवस्थी, पूर्व कैबिनेट मंत्री नंदकिशोर पुरोहित, श्याम आचार्य, बृजकिशोर आचार्य, धीरेंद्र शुक्ला, सरिता गौर, पंडित दीनदयाल शास्त्री आदि मौजूद थे।