श्रीनगर (गढ़वाल)। सत्ता की अयोग्यता से प्रभावित समाज की व्यवस्थाओं को उकेरता नाटक कर फौंदार का जल्द मंचन होगा। इसकी तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं।
कभी राजशाही की राजधानी रही श्रीनगर ं राज सत्ता के कई राजों का गवाह रहा है। श्रीनगर ने प्राकृतिक विभिषिकाआेंं का सामना किया तो सत्ता की निरंकुशता को भी झेला। सत्ता पर आसीन लोगों के कम अनुभव का लाभ उठाने वाले चंट चकड़ैतों की प्रताड़ना का गवाह भी श्रीनगर रहा है।
इसी विषय वस्तु पर तैयार कर फौंदार नाटक का जल्द श्रीनगर में मंचन होगा। उत्सव ग्रुप के बैनर तले इसकी तैयारियां इन दिनों जोरों पर हैं। नाटक में इस बात पर फोकस किया गया है कि कैसे सत्ता की आयोग्यता से समाज की तमाम व्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं।
पीड़ित समाज कैसे सत्ता के मुकाबले को सामने आ खड़ा होता है। कमल रावत द्वारा रचित नाटक का निर्देशन प्रख्यात रंगकर्मी राकेश भट्ट का है। रंगकर्मी राकेश भट्ट ने बताया कि समकालीन भाषा से लेकर पहनाव और उस वक्त की तमाम बातों को इसमें समाहित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि लोग समकालीनता से रूबरू हो सकें।
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