ऋषिकेश। स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने की गरज से सरकारी स्कूलों के शिक्षक अभिभावकों के द्वार पर दस्तक देने लगे हैं।
नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही शिक्षकों पर छात्र संख्या बढ़ाने का दबाव आ गया। सेवित क्षेत्र में शिक्षकों ने गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। प्रवेशोत्सव मनाने की तैयारियां है। इसके लिए शिक्षक अभिभावकों के द्वार तक पहुंच रहे हैं।
अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की विशेषताओं, सरकार द्वारा स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाओं और नौनिहाल के सर्वांगीण विकास की बात को प्रमुखता से रखा जा रहा है। प्राथमिक से लेकर इंटर कालेजों के शिक्षक इस काम में लग गए हैं।
उल्लेखनीय है कि गत कुछ वर्षों से चल रही इस एक्सरसाइज का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है। स्कूलों में छात्र पंजिकरण में आशातीत बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है। ये स्थिति देश के अधिकांश राज्यों की है।
व्यवस्था है कि सरकारी स्कूलां से समाज के हुए मोहभंग की असली वजह जानने को तैयार ही नहीं है। यहीं से सरकारी स्कूलों की दुर्दशा का क्रम शुरू हो रहा है।