मेयर अनिता ममगाईं ने एक बार फिर से साबित करके दिखाया

मेयर अनिता ममगाईं ने एक बार फिर से साबित करके दिखाया
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तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। नगर निगम की मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने एक बार फिर से साबित करके दिखाया कि पथ में कितने भी कांटे क्यों न हों, नीयत अच्छी हो तो सफलता जरूर मिलती है।

जी हां, ऋषिकेश नगर निगम की प्रथम मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने शपथ लेने के बाद शहर की बेहतरी, शहर के मुददों और शहर के रसूख के लिए हर स्तर पर प्रयास किए। नगर निगम के आंतरिक चैलंेज को भी उन्हें शानदार तरीके से हैंडिल किया।
वैश्विक महामारी कोरोना में लोगों ने उनके जज्बे को धरातल पर देखा। उन्होंने शहर के लिए गाड़ी का स्टेयरिंग भी संभाला। शहर की बेहतरी के लिए उन्हें देहरादून और दिल्ली की दौड़ लगाते देखा।

जी 20 के आयोजन की मेजबानी के लिए उन्होंने हर सक्षम दरवाजे को नॉक किया। भाजपा की आंतरिक राजनीति और शहर की थूक में पकोड़ी तलने वाली राजनीति जब जी 20 के ऋषिकेश में आयोजन का असंभव बता रही थी तब भी मेयर अनिता ममगाईं ने प्रयास करने नहीं छोड़े।

आखिरकार तीर्थनगरी ऋषिकेश को जी 20 के आयोजन की मेजबानी हासिल हुई। तैयारियों के लिए महज 20 दिन मिले। इसमें कभी गर्मी तो कभी बरसात ने जमकर परीक्षा ली। बीच-बीच मंे रोड़े भी खूब अटकाए गए। जो आयोजन को लेकर पहले नकारात्मक थे वो भी फोंदया बनकर सामने आए।

इन सबके बीच मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं तैयारियों में जुटे अधिकारियों, कर्मचारियों, मजदूरों, व्यापारियों और शहर के लोगों की हौसलाफजाई करती रही। शहर के लोगों का भी उन्हें खूब सहयोग मिला। बारिश ने आयोजन की तैयारियों की जममर परीक्षा ली। तैयारियों में खलल पड़ा तो कहीं खुशी कहीं गम देखा गया। टीका टिप्पणियां होने लगी थी।

आरोपों के फायर झोंके जाने लगे थे। इसके लिए सर्वसुलभ कंधे भी हाजिर हो गए थे। इन सबके बीच मेयर अनिता ममगाईं डटी रही। उन्होंने मीडिया के सम्मुख भी कहा था कि ईश्वर कार्यक्रम को अच्छे से संपन्न कराएंगे। ऐसा हुआ भी। 28 जून को तीर्थनगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर जी 20 देशों के डेलीगेटस ने गंगा आरती में शिरकत की।

कार्यक्रम शानदार रहा। हर किसी ने तारीफ की। इस तरह से कहा जा सकता है कि मेयर श्रीमती अनिता ममगाईं ने एक बार फिर से स्वयं को साबित किया। उन्होंने दिखा दिया कि राह में कोई कितने भी कांटे क्यों न बिछा ले, नीयत साफ है तो सफलताज जरूर मिलती है।

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ये पंक्ति उन पर सटीक बैठती है हार नहीं मानुंगा,, काल के कपाल पर लिखता… जाउंगा।

Tirth Chetna

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