नैनीताल। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एक्ट पर प्रदेश की भाजपा सरकार घिरने लगी है। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
धामों की बेहतरी के नाम पर राज्य के मात्र चार जिलों के 51 मंदिरों पर देवस्थानम एक्ट थोपने के सरकार के निर्णय के खिलाफ तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी विरोध करते रहे हैं। भाजपा सरकार ने इस पर गौर नहीं किया तो तीर्थ पुरोहितों ने देश के धर्मानुरागियों से गुहार लगाई।
इस पर भाजपा नेता सुब्रमण्यस्वामी आगे आए। उन्होंने राज्य सरकार से एक्ट को रदद करने का अनुरोध किया। सरकार ने इस पर भी गौर नहीं किया तो स्वामी ने नैनीताल हाईकोर्ट ने रिट दायर की। मंगलवार को इस पर सुनवाई हुई। स्वामी ने स्पष्ट किया कि सरकार धार्मिक स्थलों का सरकारीकरण नहीं कर सकती।
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट इस पर स्पष्ट निर्देश दे चुका है। बहरहाल, कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस बीच, प्रदेश सरकार ने दोहराया है कि एक्ट धामों की बेहतरी के लिए है।
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार की नजर मंदिरों की संपत्ति पर है। कांग्रेस ऐलान कर चुकी है कि सत्ता में आते ही इस एक्ट को समाप्त किया जाएगा।