देहरादून। सरकारी कार्मिकों के लिए आरक्षण मुक्त प्रमोशन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर राजनीति होने लगी है। तमाम राजनीतिक दल इसको मुददा बनाने लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पूर्व एक निर्णय दिया। इसमें प्रमोशन में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं माना गया है। प्रमोशन में आरक्षण देना या न देना सरकार का अधिकार क्षेत्र बताया गया है।
सामान्य वर्ग के कर्मी इसे अपनी जीत बता रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि राज्य में आरक्षण मुक्त प्रमोशन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। मगर, इस पर पेंच लगने शुरू हो गए हैं। तमाम राजनीतिक दलों ने इस पर न केवल असहमति व्यक्त की बल्कि भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी है। केंद्र में एनडीए की सहयोगी पार्टी लोक जन शक्ति पार्टी भी इसमें शामिल है। लोजपा ने केंद्र सरकार से इस मामले में दखल की मांग की है।
इस तरह से प्रमोशन में आरक्षण पर फिर से राजनीति शुरू हो गई है। अब देखने वाली बात ये होगी कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार का इस पर क्या स्टैंड होता है। अभी तक प्रदेश सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। न ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लेकर सरकार में कोई हलचल दिख रही है।