श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि की शैक्षिक परिषद की बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि की शैक्षिक परिषद की बैठक में हुए महत्वपूर्ण फैसले
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विश्वविद्यालय का होगा चहुँमुखी विकासः कुलपति

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की शैक्षिक परिषद की आनलाईन बैठक कुलपति प्रो. एमएस रावत की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए तमाम निर्णय लिए गए।

बैठक में परिषद द्वारा शैक्षिक परिषद की बारहवीं बैठक में लिये गये निर्णयों पर (ऐक्शन टेकन रिपोर्ट) एवं परीक्षा समिति की पंचम बैठक दिनांक 24.01.2023 के निर्णयों का अनुमोदन दिया गया। बैठक में ऋषिकेश परिसर हेतु अन्य विश्वविद्यालयों की भांति गेस्ट फैकल्टी, तैनात किये जाने, वर्तमान में संचालित स्नातक विभागों (गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, संस्कृत, शिक्षा शास्त्र, संगीत, शारीरिक शिक्षा) को स्नात्तकोत्तर विभागों में परिवर्तन, जो विभाग स्नातक (गृह विज्ञान, समाजशास्त्र, संस्कृत, शिक्षा शास्त्र, संगीत, शारीरिक शिक्षा) हैं, उनमें भी पी0एच0डी0 पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये जाने का अनुमोदन किया गया।

ऋषिकेश में स्ववित्त पोषित योजना के अन्तर्गत बीएफए, एमएफए, बीएससी वेटरनरी साइंस, बी.लिब, एम. लिब, बीबीए, बीसीए, बीएससी बायोटेक, माइक्रोबायोलॉजी, होटल मैनेजमेंट, एलएलबी, आदि पाठ्यक्रमों को संचालित किये जाने, एम0ए0 योगा में 30 सीटों के स्थान पर 60 सीटें स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन दिया गया।

ऋषिकेश परिसर में कला, सैन्य विज्ञान, मानव विज्ञान, दर्शनशास्त्र पाठ्यक्रमों को भी संचालित किये जाने का अनुमोदन। ऋषिकेश परिसर में पूर्व में स्वीकृत बी0एड0 पाठ्यक्रम को संचालित किये जाने, बी0ए0बी0एड0, बी0एससी0बी0एड0, बी0काम0बी0एड0 इन्ट्रीग्रेडेट पाठ्यक्रम आरम्भ किये जाने का सैद्धान्तिक अनुमोदन प्रदान किया गया।  पुस्तकालय को अध्वाधिक किये जाने यथा लाईब्रेरी का पुरूरोत्थान, ई-लाईब्रेरी निर्माण, ई-बुक क्रय किये जाने इत्यादि का भी अनुमोदन।

निर्माण एवं पुर्ननिर्माण कार्यों के अन्तर्गत परिसर, ऋषिकेश के शिविर कार्यालय, वाणिज्य संकाय, जन्तु विज्ञान, पुस्तकालय/महिला छात्रावास के प्रथम तल के ऊपर द्वितीय तल तथा कला संकाय के ऊपर तृतीय तल पर अनावासीय भवनों का निर्माण किये जाने, महिला छात्रावास एवं परिसर की क्षतिग्रस्त चाहरदीवारी/कक्षों की मरम्मत एवं पुनर्निमाण किये जाने का अनुमोदन दिया गया।

विश्वविद्यालय को राजभवन से प्राप्त अस्थायी सम्बद्धता से सम्बन्धित औपचारिक आदेशों, विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का अनुमोदन एवं भविष्य में निर्मित होने वाले विभिन्न डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के अनुमोदन हेतु मा0 कुलपतिजी को अधिकृत किये, निरीक्षण उपरान्त विश्वविद्यालय को प्राप्त होने वाले विभिन्न संस्थानों के एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अस्थाई सम्बद्धता का अनुमोदन किया गया।

बी0एड0/बैक पेपर व अन्य परीक्षाओं हेतु यदि कहीं विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा केन्द्र बनवाये जाते हैं, तो उन्हें सेन्टर चार्जेज दिये जाने तथा अन्य राजकीय महाविद्यालयों के समान अनुदानित/अशासकीय महाविद्यालयों को सेन्टर चार्जेज दिये जाने पर के सम्बन्ध में परिषद की अगली बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। बी0एड0 प्रवेश के सम्बन्ध में के0आर0 भट्ट द्वारा सदन को अवगत कराया गया कि सम्बद्ध संस्थानों में हे0नं0ब0ग0वि0वि0 की भांति छात्रों को प्रवेशित किया जाय, ताकि संस्थानों में सीट रिक्त न रहे।

इस सम्बन्ध में कुलपति प्रो0 रावत द्वारा एन0सी0टी0ई0 एवं अन्य नियमों के परीक्षण हेतु एक कमेटी गठित कर अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। कुलसचिव के0आर0 भट्ट द्वारा परिसर विकास हेतु इस बैठक को एक आधारभूत कदम बताया तथा इनके क्रियान्वन हेतु उनके द्वारा विशेष प्रयास किये जांयेगे। कुलपति प्रो0 रावत द्वारा सदन को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय के चहुमुखी विकास हेतु परिसर का चहुमुखी विकास होना अत्यन्त ही आवश्यक होता है।

कुलपति द्वारा कहा किया कि मा0 परिषद में लिये गये निर्णय विश्वविद्यालय एवं परिसर उत्थान हेतु एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके अतिरिक्त कुलपति द्वारा मा0 उच्च शिक्षा मंत्रीजी की मंशा के अनुरूप एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव, 180 दिन पठन-पाठन की व्यवस्था, एन0ई0पी0 2020, निःक्षय मित्र बनाने, आभा आईडी के बनाने के सम्बन्ध मे सदन को अवगत कराते हुए परिचर्या की गयी। के0आर0भट्ट कुलसचिव द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापित कर बैठक का समापन किया गया।

बैठक में के0आर0भट्ट कुलसचिव, प्रो0एम0एम0 मवाडी, कुमायूं वि0वि0, प्रो0 पी0डी0 पन्त, मुक्त विश्वविद्यालय, प्रो0जी0के0 ढींगरा, प्रो0 डी0सी0गोस्वामी, डॉ0 वी0पी0 श्रीवास्तव, परीक्षा नियन्त्रक, परिसर के समस्त विभागाध्यक्ष, आचार्य एवं सम्बद्ध संस्थानों के विभिन्न प्राध्यापक आदि उपस्थित रहे।

Tirth Chetna

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