कहां खो गया शिक्षकों के हिस्से का प्रमोशन
01.07.2023
उत्तराखंड में एलटी/प्रवक्ता की सेवा बनी जड़
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य के सरकारी इंटर कालेजों में तैनात एलटी/ प्रवक्ता के हिस्से का प्रमोशन कहीं खो गया है। दोनों कैडर की सेवा एक तरह से जड़ बन गई है। शिक्षा पर असका व्यापक असर दिख रहा है।
इस वर्ष एलटी/प्रवक्ताओं के बंपर तबादले हुए है। अधिकांश तबादले अनुरोध के आधार पर हुए हैं। सरकार/ विभाग इसे उपलब्धि के तौर पर प्रस्तुत कर रहे हैं। मगर, इन तबादलों में खास उत्साह नहीं दिख रहा है।
वजह प्रमोशन का न होना है। राज्य में शिक्षकांे का एलटी/प्रवक्ता कैडर की सेवा जड़ हो गई है। शिक्षक जिस पद पर सेवा में आए थे उसी पद पर रिटायर हो रहे हैं। इससे नकारात्म माहौल बन रहा है।
शिक्षा विभाग में एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों को छोड़कर चपरासी से लेकर उच्च स्तर तक हर साल प्रमोशन हो रहे हैं। प्रमोशन के समयबद्धता को लेकर जमीन आसमान का अंतर पैदा हो गया है। प्रशासनिक कैडर में प्रमोशन राकेट गी गति से हो रहे हैं और शैक्षिक कैडर में स्पीड गवर्नर लगाने के साथ ही हद तय कर दी गई है।
एलटी/प्रवक्ता पद पर प्रमोशन न होने का असर राजकीय इंटर कालेजों की व्यवस्थाओं पर देखा जा सकता है। बस देखने और महसूस करने की जरूरत है। इस असर की अनदेखी करने के लिए सिस्टम शिक्षा पर प्रयोग कर रहा है। हर प्रयोग असफल साबित हो रहा है। असफलता के बावजूद जिम्मेदार लोग ऑल इज वेल गुनगुना रहे हैं। संभवतः यही से दिक्कतें शुरू हो रही हैं।
शिक्षा में किए जाने वाले प्रयोगों को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि शिक्षकों में अपनी मौजूदा पद को लेकर उत्साह रहे। प्रमोशन के अभाव में ऐसा दिख नहीं रहा है।
हैरानगी की बात ये है कि इस मुददे पर शिक्षक संघ के एप्रोच भी बेहद तदर्थ टाइप की है। परिणाम सक्षम मंचों पर मजबूत एडवोकेसी नहीं हो पा रही है। शिक्षक प्रमोशन से प्रिंसिपल नहीं बन पा रहे हैं तो किसकी हो रही बल्ले- बल्ले।