पर्यटन को आर्थिकी का माध्यम बनाने के लिए बेहतर माहौल की दरकार है। ताकि पर्यटक खिंचे चले आएं।
ये कहना है पर्यटन विशेषज्ञों को। विशेषज्ञ भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से एचएनबीजीयू केंद्रीय विवि के बैनर तले हिमालयी राज्यों में पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार के क्षेत्र में सतत उद्यमिता विकास पर तीन दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में शुक्रवार को शुरू हुई तीन दिवसीय कार्यशाला का एचएनबीजीयू केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेएल कौल ने बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन विशेषज्ञों को उक्त संभावनाओं के दोहन को आगे आना चाहिए। ताकि इसका लाभ लोगों को मिल सकें।
कार्यशाला के संयोजक प्रोफेसर एससी बागड़ी ने तीन दिवसीय कार्यशाला पर प्रकाश डाला। कहा कि पर्यटन को कैसे क्षेत्र की आर्थिकी का जरिया बनाया जा सकता है इस पर विशेषज्ञ विचार रखेंगे।
इस मौके पर प्रो. एमपी जैन, पदमश्री बसंती बिष्ट आदि ने विचार रखे। डा. राजेश डयोडी ने कार्यशाला में आए विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया।
उदघाटन सत्र के बाद विशेषज्ञों ने पर्यटन और आतिथ्य सत्कार के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किए। कहा कि पर्यटन को हिमालयी क्षेत्रों की आजीविका से जोड़ने को जरूरी है कि बेहतर माहौल तैयार किया जाए।
इस मौके पर प्रोफेसर मंजुला चौधरी, प्रो. अजय रावत, प्रो. वीके बिष्ट, डा. सर्वेश उनियाल, प्रो. सोनिया मलिक, विजेंद्र पंवार आदि मौजूद थे।