ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में अहम रोल निभाने वाले क्षेत्रीय राजनीतिक दल उत्तराखंड क्रांति दल के मौजूदा तेवर लोगों को खूब भा रहे हैं।
राज्य निर्माण की लड़ाई में सबसे आगे रहे यूकेडी को राज्य गठन के बाद चुनावी राजनीति में खास सफलता नहीं मिली। लोगां ने 20 साल भाजपा और कांग्रेस को बारी-बारी से परखा। 20 सालों में क्या होना चाहिए था और क्या हुआ इस पर अब लोग चर्चा करने लगे हैं।
लोगों की इन चर्चाओं के बीच क्षेत्रीय राजनीतिक दल यूकेडी राज्य की बेहतरी, राज्य युवाओं, किसान, गरीब, मजदूरों, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार के मुददों को धार दे रहा है। यूकेडी के ये तेवर लोगों को भा रहे हैं। देहरादून में यूकेडी द्वारा की जा रही सुदूर क्षेत्रों की वकालत ने लोगों में दल के प्रति भरोसा पैदा किया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने, हाशिए पर पहुंचे राज्य के एक-एक मुददे को रिस्टोर करने से यूकेडी का जनता के बीच ग्राफ बढ़ा है। देखने वाली बात होगी इस टेंपो को यूकेडी के नेता चुनाव तक बनाए रखते हैं या नहीं। इस बार ये जरूर देखा और सुना जा रहा है कि यूकेडी का नाम लोग गंभीरता से ले रहे हैं।
इसकी बड़ी वजह ये भी बन रही है कि राज्य के लोग दिल्ली से नियंत्रित राजनीति से उकता गए हैं। इसके अलावा देश के तमाम राज्यों में क्षेत्रीय दलों की मजबूती से मिलने वाले लाभों की भी राज्य में खूब चर्चा हो रही है।