गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी में बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला संपन्न
उत्तरकाशी। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न हो गई। कार्याशाला में इससे जुड़ी आधारिक जानकारी के साथ ही विश्व स्तर पर भारत की स्थिति को विशेषज्ञों ने रेखांकित किया।
कार्याशाला के तहत दो दिवसीय कार्यक्रम 30 मार्च को शुरू हुए। इसमें शैक्षणिक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई। इसमें कॉलेज के छात्र/छात्राओं ने बढ़ चढ़कर शिरकत की। प्रतियोगिता के विजयी प्रथम तीन छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
गुरूवार को कॉलेज के ऑडिटोरियम में सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ प्रिंसिपल प्रोफेसर सविता गैरोला ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। सेमिनार में आए विषय विशेषज्ञ पेटेंट तथा डिजाइन, पेटेंट और डिजाइन वर्क दिल्ली के हरप्रीत कैंथ परीक्षक ने छात्रों को बताया कि पेटेंट नये अविष्कार के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है।
सेमिनार में आए दूसरे विशेषज्ञ डॉक्टर के एम रेडी एसोसिएट प्रोफेसर रसायन विभाग यूपीईएस देहरादून, ने विस्तार से ट्रेडमार्क और पेटेंट के विषय में विस्तार पूर्वक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि ट्रेडमार्क व्यवसाय तथा उद्योग की पहचान बताता है तथा किसी दूसरे के द्वारा उनकी नकल करना दंडनीय अपराध होता है।
सेमिनार में आए तीसरे विषय विशेषज्ञ डॉ राजेश त्रिपाठी असिस्टेंट प्रोफेसर मैनेजमेंट विभाग यूपीईएस देहरादून, ने बताया कि कॉपीराइट पुस्तकों, फिल्म आदि के लिए प्रदान किया जाता है। तीनों विशेषज्ञों ने छात्रों से वार्तालाप करके छात्रों की जिज्ञासा को सरल शब्दों में स्पष्ट किया ।
इस अवसर पर कॉलेज की प्रिंसिपल सविता गैरोला ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार अविष्कार को उद्यमियों, डिजाइनर, सीक्रेट डिजाइनर के लिए सुरक्षात्मक अधिकार है तथा यह उनकी बौद्धिक संपदा को सुरक्षित रखने का एक विशेषाधिकार है।
इस अवसर पर डॉ कमल कुमार बिष्ट संयोजक, डॉ एम पी तिवारी, समन्वयक डॉ आर प्रजापति ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री, जंतु विज्ञान विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापिका प्रोफेसर वसंतिका कश्यप, डॉ नंदी गरिया, डॉ एमपीएस परमार, डॉ दिवाकर बौद्ध, डॉ आकाश चंद्र मिश्रा, डॉ अरविंद रावत, डॉ जय लक्ष्मी रावत, डॉ अनामिका, डॉ आराधना डॉ रिचा, डॉक्टर अनामिका, डॉ दीपिका, डॉ प्रियंका, डॉ रिचा धीमान, डॉ अंजली नौटियाल, डॉ विपिन, डॉक्टर संजीव, डॉ एम पी एस राणा आदि महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।