25 दिन में पूरी हो जाएंगी शिक्षकों की मांग ?
शिक्षकों के असली प्रमोशन पर दिख रही खामोशी
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। शिक्षकों की मांग 25 दिन में पूरी हो जाएंगी ? इतने ही दिन में मांग पूरी होने के आश्वासन पर राजकीय शिक्षक संघ ने सत्याग्रह आंदोलन स्थगित किया है।
कहा जाता है कि उत्तराखंड में प्रमोशन जल्दी-जल्दी हो जाते हैं। वास्तव में ऐसा है भी। मगर, सरकारी शिक्षकों के प्रमोशन जल्दी तो दूर समय से भी नहीं हो रहे। कुछ कुछ मामलों में तो शिक्षक जिस पद पर भर्ती हो रहा है उसी पर सेवानिवृत्त भी हो रहा है।
सेवाकाल में एक बार प्रमोशन में शिथिलता की सुविधा भी शिक्षकों के आलावा हर विभाग में मिल रही है। बहरहाल, राजकीय शिक्षकांे के आंदोलन के बाद विभाग ने भरोसा दिया है कि जल्द मांगों पर गौर किया जाएगा। राजकीय शिक्षक संघ ने इस भरोसे पर 31 दिसंबर तक सत्याग्रह आंदोलन स्थगित कर दिया है।
अब सवाल उठ रहा है कि 25 दिनों में वास्तव में विभाग प्रमोशन समेत अन्य मांगों पर अमल कर सकेगा। कुछ मांगों को विभाग ने जरूर शासन तक पहुंचा दिया है। इस पर जल्द निर्णय भी हो सकता है। मगर, प्रमोशन का मामला कैसे हल होगा देखने वाली बात होगी। शिक्षकों और शिक्षा से जुड़े लोगों के पास आश्वासनों से जुड़े तमाम अनुभव हैं।
बहरहाल, प्रमोशन के मामले में विभाग ने अभी चर्चा नहीं की। एलटी/प्रवक्ता शिक्षकों के प्रमोशन का पहला पद हाई स्कूल को हेड मास्टर है। इस पर अभी कोई हलचल न तो विभाग के स्तर पर है और न शासन में। हां, बीच-बीच में सक्षम स्तर से जल्द मांग पूरी होने की बात होती रहती है।
प्रमोशन न होने की वजह वरिष्ठता से संबंधित मामले का कोर्ट में होने की बात अभी भी बनी हुई है। एलटी से प्रवक्ता पद को भले ही विभाग और अब शिक्षक भी प्रमोशन प्रचारित कर रहे हों। मगर, ये सिर्फ विषयगत लाभ भर है।
ये लाभ कुछ विषयों से समय से से मिल रहा है। कुछ में विलंब से तो कुछ विषयों में मिल ही नहीं रहा है। इसलिए इसे प्रमोशन बताना दूर-दूर तक ठीक नहीं है। कुल मिलाकर 25 दिनों में प्रमोशन समेत अन्य मामले कैसे निपटेंगे ये देखने वाली बात होगी।